जिले का एक सामाजिक संगठन जो करता है समाज हित में आंदोलन। किसी कार्रवाई का नहीं होता कोई खौफ लेकिन कर रहा ऐसा काम जिसे सुनकर एक बार लोगों को आश्चर्य होगा। संगठन के किसी सदस्य ने देखा तमसा में बहती लाश और बताया जिलाध्यक्ष को। मीटिंग हुई कि अब कोई लावारिस लाश नदी में नहीं फेंकी जाएगी। ऐसी लाशों का अंतिम संस्कार करेगा भारत रक्षा दल। आठ अगस्त से यह काम शुरू है। अब तक एक दर्जन लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार कर चुका है संगठन। संगठन के जिलाध्यक्ष कहते हैं कि इसके पीछे हमारी दो मंशा है। एक तो यह कि तमसा प्रदूषित होने से बचेगी और दूसरा यह कि लावारिस लाश की दुर्गति नहीं होगी।
इस संगठन ने जिले में वर्ष 1998 में काम शुरू किया। उस समय पता चला कि जिला चिकित्सालय में एक ऐसे घायल को भर्ती कराया गया है जो मंद बुद्धि है। संगठन ने उसके इलाज के साथ उसकी सेवा का निर्णय लिया। उस समय अस्थि रोग विशेषज्ञ थे डा. पीएन नाडर। नाडर ने भी संगठन के कार्य की प्रशंसा की और यथा संभव सहयोग भी किया। बच्चे की सेवा में आनाकानी पर संगठन के लोग एक चिकित्सक के घर पर रात में शिकायत लेकर पहुंच गए। उसके बाद से संगठन के लोगों का हौसला बढ़ा और काम करते गए।
पिछले वर्ष संगठन ने त्वरित सेवा समूह का गठन कर उसमें 40 सदस्यों को शामिल किया। इन सदस्यों की जिम्मेदारी यह कि अगर कहीं किसी कार्य में श्रम शक्ति की जरूरत है तो एक सूचना पर तुरंत पहुंचकर मदद करेंगे। काम चाहे किसी भी स्तर का हो।
लावारिस लाशों के अंतिम संस्कार का विचार उस समय मन में आया जब संगठन के एक सदस्य ने तमसा में बहती लाश को देखा और इसकी जानकारी संगठन अध्यक्ष उमेश सिंह गुड्डू को दी। उसके बाद हुई कटरा स्थित कार्यालय में बैठक के दौरान तय किया गया कि संगठन के जिम्मेदार सदस्यों का मोबाइल नंबर पोस्टमार्टम हाउस पर लिखवा दिया जाए। अब उसी नंबर पर लावारिस लाश लेकर आने वाले पुलिस कर्मी फोन करते हैं और संगठन के लोग लाश को अपनी सुपुर्दगी में लेकर राजघाट पर तमसा के किनारे दाह संस्कार कराते हैं।
इस नेक काम की शुरुआत आठ अगस्त को हुई जब गुलामी का पूरा में अज्ञात व्यक्ति का शव मिला और पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने शव को भारद के सुपुर्द कर दिया। इसके अलावा बरदह क्षेत्र में 11 अगस्त को मिले लावारिस शव, अतरौलिया में 12 अगस्त को मिले शव, 15 अगस्त को सदर अस्पताल में लावारिस की मौत, 20 को दीदारगंज रेलवे स्टेशन पर मिले का शव का संस्कार संगठन ने किया। 31 अगस्त को को अहरौला क्षेत्र में मिली लाश, दो सितंबर को अतरौलिया क्षेत्र में मिले शव, पांच सितंबर को सदर अस्पताल में मृत व्यक्ति का अंतिम संस्कार संगठन के लोगों ने किया। इस प्रकार अब तक एक दर्जन लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार संगठन द्वारा किया जा चुका है। खास बात यह है कि संगठन द्वारा अंतिम संस्कार में खर्च होने वाली रकम किसी सरकारी संगठन से नहीं मांगी जाती। दाह संस्कार में लगभग दो हजार रुपये का खर्च आता है। इसकी व्यवस्था आम आदमी, पत्रकार व सामाजिक व्यक्तियों के सहयोग से की जाती है।
मच्छरमार दवाओं के छिड़काव के लिए प्रदर्शन
आजमगढ़। नगर सहित ग्रामीण इलाकों में मच्छरों के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए भारत रक्षा दल ने जिला अस्पताल में मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया। ज्ञापन सौंपकर नगर क्षेत्र में मच्छररोधी दवाओं के छिड़काव की मांग की।
इस दौरान उमेश सिंह ने कहा कि इन दिनों मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। इससे मच्छर जनित बीमारियों से ग्रसित रोगियों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। मलेरिया आदि बीमारियां पहले से थीं अब जिले में डेंगू के मरीज भी पाए जाने लगे है। इससे लोगों में भय व्याप्त है। उन्होंने कहा कि मच्छररोधी दवाओं व चूने आदि के छिड़काव के लिए अधिकारियों को कई बार प्रार्थना-पत्र दिया गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि यदि जल्द दवाओं का छिड़काव नहीं कराया गया तो कार्यकर्ता वृहद आंदोलन करेंगे। ज्ञापन सौंपने वालों में रवि प्रकाश, लालकृष्ण दूबे, धर्मवीर शर्मा, जैनेंद्र चौहान, रणजीत सिंह आदि शामिल थे।
इस दौरान उमेश सिंह ने कहा कि इन दिनों मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। इससे मच्छर जनित बीमारियों से ग्रसित रोगियों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। मलेरिया आदि बीमारियां पहले से थीं अब जिले में डेंगू के मरीज भी पाए जाने लगे है। इससे लोगों में भय व्याप्त है। उन्होंने कहा कि मच्छररोधी दवाओं व चूने आदि के छिड़काव के लिए अधिकारियों को कई बार प्रार्थना-पत्र दिया गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि यदि जल्द दवाओं का छिड़काव नहीं कराया गया तो कार्यकर्ता वृहद आंदोलन करेंगे। ज्ञापन सौंपने वालों में रवि प्रकाश, लालकृष्ण दूबे, धर्मवीर शर्मा, जैनेंद्र चौहान, रणजीत सिंह आदि शामिल थे।
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